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मंत्री जी का घपरोल, भाजपा का घंघतोल || साप्ताहिक छिबड़ाट || #premchandaggarwal

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-सलाह बिरणी, सगोेर अपणु/नी खै जाणी, क्या कन तब। ऐसा लगता है कि ये लाइनें धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के लिए ही लिखी गई हैं। ना जाने किसकी सलाह पर वह काम कर रहे हैं। नमस्कार दगड़ियों स्वागत हैं आप सभी का हमारे खास कार्यक्रम साप्ताहिक chibdaat में ।

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